चंद तारे
चाँद – तारे बिखेर देंगे , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द
कर देंगे हर एक कोना रोशन , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द |
फूलों की खुशबू महकेगी , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द
गली – गली महक उठेगी , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द |
जन – गण – मन गूंजेगा , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द
वीरों के दर पर लगेंगे मेले , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द |
जय हिन्द का गूंजेगा नारा , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द
संस्कृति का परचम लहरेगा , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द |
भगत – गुरु फिर से आयंगे , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द
गाँधी – नेहरु फिर महकेंगे , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द |
प्रतिभाओं का लगेगा मेला , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द
शिक्षा का उपवन महकेगा , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द |
चाँद पर परचम लहरेगा , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द
कोई भूखा न सोयेगा , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द |
हर घर बन जाएगा आशियाँ , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द
संस्कारों के लगेगे मेले , तेरे आँगन में ए मेरे हिन्द ||