“चंद क्षणों में”
तूने चंद क्षणों में,
जीवन भर की खुशी दे दी,
मन का एहसास बदल दिया,
होठों पर हंसी दे दी।
आज लग रहा ऐसा कि,
साकार हुए मेरे सपने,
इससे बड़ा सुअवसर,
कोई और नहीं जीवन में अपने।
मेरे जीवन का ये सबसे,
अनमोल,अमिट क्षण दी है,
आज पहली बार खुशियां,
मेरे मन मंदिर में दस्तक दी है।
आज मेरा ह्रदय,अनंत सुख का,
साक्षी बन बैठा ,
अशांत माथे की लकीरों से,
मौज किस्मत ने हर बैठा ।
इस लोक के सारे सपने,
सूक्ष्म लगने लगे हैं मुझको,
आज मेरी तकदीर,
पहली बार करवट ली है।
ह्रदय सागर ने आज,
पहली बार उत्सव मनाया है,
आज फूटी तकदीर पर,
अपना अधिकार जमाया है।।
राकेश चौरसिया