चंद्रशेखर आजाद।
अमर शहीद महान क्रांतिकारी पं० चंद्रशेखर आजाद जी के जन्मदिवस पर कोटि कोटि नमन करते हुये कुछ पंक्तियाँ।
जिसने बल पौरुष साहस को एक नया आयाम दिया।
जिसने अंग्रेजी शासन को खौफ सुबह औ शाम दिया।।
जिसने इतिहासी पन्ने लिक्खे पिस्टल की गोली से।
जिसने माँग मात्रभूमि की भर दी रक्तिम रोली से।।
जिसने भारत भू पर खुद को गुलाम कभी नहीं माना।
जिसने सदा किया बैसा ही जैसा कि मन में ठाना।।
आजादी का नायक था वो शेखर हिंदुस्तानी था।
जिसके आगे हर इक दुश्मन केवल पानी पानी था।।
उस शेखर के चरणों में सौ बार नमन मैं करता हूँ।
उसकी चरण वंदना करके मस्तक धूलि धरता हूँ।।
आजादी की चिंगारी को जिसने नई हवा दी थी।
जिसने नाजुक परवानों में हिम्मत खूब जगा दी थी।।
जिसने शब्द हजारों जोडे़ बलिदानी परिभाषा में।
उम्मीदों की चमक बिखेरी छाये घोर कुहासा में।।
भारत माँ की खातिर जिसका तन मन धन सब अर्पण था।
जो देशभक्ति का जलता दीपक वीरों को इक दर्पण था।।
जिसने बीज देशभक्ति के जन जन के मन बोये थे।
जिसने जगा दिया था सबको जो नीदों में सोये थे।
उस शेखर के चरणों में सौ बार नमन मैं करता हूँ।
उसकी चरण वंदना करके मस्तक धूलि धरता हूँ
प्रदीप कुमार