Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2021 · 1 min read

चंद्रलोक का हाल (बाल कविता)

चंद्रलोक का हाल (बाल कविता)
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
चंदा नहीं हमारे लगते
कोई मामा चाचा ,
कई बार हम गए वहाँ पर
देखा परखा जाँचा ।

ऊबड़ खाबड़- सी जमीन है
ना ही कोई रहता,
जिसने देखा इसे दूर से
सुंदर वह ही कहता ।

अपनी धरती देखो
सुंदर पक्षी गाना गाते,
मगर चाँद पर कोई चिड़िया
कौवा नजर न आते।

नहीं चाँद पर हुआ मयस्सर
शिमला नैनीताल,
बुरे फँसे मत पूछो जाकर
चंद्रलोक का हाल।।
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता ः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा,
रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615451

363 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

#आधार छंद : रजनी छंद
#आधार छंद : रजनी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
இவன்தான் மனிதன்!!!
இவன்தான் மனிதன்!!!
Otteri Selvakumar
ভালোবাসার ধর্ম
ভালোবাসার ধর্ম
Arghyadeep Chakraborty
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Vijay kumar Pandey
जिंदगी
जिंदगी
Sonu sugandh
मेरे चेहरे से मेरे किरदार का पता नहीं चलता और मेरी बातों से
मेरे चेहरे से मेरे किरदार का पता नहीं चलता और मेरी बातों से
Ravi Betulwala
2615.पूर्णिका
2615.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*पूजा पत्नी की करो, साली जी से प्यार (हास्य कुंडलिया)*
*पूजा पत्नी की करो, साली जी से प्यार (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"हमारे बच्चों के भविष्य खतरे में हैं ll
पूर्वार्थ
चेहरे पर अगर मुस्कुराहट हो
चेहरे पर अगर मुस्कुराहट हो
Paras Nath Jha
विरह पीड़ा
विरह पीड़ा
दीपक झा रुद्रा
Stories whose plots are often untouched and mysteries are un
Stories whose plots are often untouched and mysteries are un
Chaahat
आधुनिक भारत
आधुनिक भारत
Mandar Gangal
*An Awakening*
*An Awakening*
Poonam Matia
" सजदा "
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्ते खून के नहीं विश्वास के होते हैं,
रिश्ते खून के नहीं विश्वास के होते हैं,
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
इंसान इंसानियत को निगल गया है
इंसान इंसानियत को निगल गया है
Bhupendra Rawat
नमन इस देश को मेरा
नमन इस देश को मेरा
Ravi Yadav
तूं कैसे नज़र अंदाज़ कर देती हों दिखा कर जाना
तूं कैसे नज़र अंदाज़ कर देती हों दिखा कर जाना
Keshav kishor Kumar
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
gurudeenverma198
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
आश्रम
आश्रम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
"मन" भर मन पर बोझ
Atul "Krishn"
अभी अभी तो इक मिसरा बना था,
अभी अभी तो इक मिसरा बना था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो कायर अपनी गली में दुम हिलाने को राज़ी नहीं, वो खुले मैदान
जो कायर अपनी गली में दुम हिलाने को राज़ी नहीं, वो खुले मैदान
*प्रणय*
जीते जी पानी नहीं
जीते जी पानी नहीं
Sudhir srivastava
प्यार दर्द तकलीफ सब बाकी है
प्यार दर्द तकलीफ सब बाकी है
Kumar lalit
"यह सही नहीं है"
Ajit Kumar "Karn"
बिछोह
बिछोह
Shaily
मौन मुसाफ़िर उड़ चला,
मौन मुसाफ़िर उड़ चला,
sushil sarna
Loading...