*चंद्रयान (बाल कविता)*
चंद्रयान (बाल कविता)
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चंदा मामा नहीं दूर अब
चंद्रयान जाएगा
छूकर चंदा मामा को
उतरेगा फिर आएगा
भारत का विज्ञान स्वदेशी
निर्मित इसकी काया
जगह विश्व के नक्शे में अब
भारत भी पाएगा
एक दिवस चंदा के समझो
चौदह दिवस हमारे
हमको देता जो प्रकाश है
वहॉं सिर्फ अंधेरे
पता करेंगे चंदा मामा
तुम में कितना पानी
पूछेंगे फिर चंदा मामा
कहॉं हमारी नानी
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451