चंदा मामा ! अब तुम हमारे हुए ..
जो था नामुमकिन ,
वो कर दिखाया ।
हमारे होनहार वैज्ञानिकों ने ,
एक कीर्तिमान रच दिखाया।
बहुत इतराते थे चंदा मामा,
दूर के सिंहासन में बैठे हुए ।
उन्हें कुछ पल में ही ,
अपना बना कर दिखाया ।
अब खुद को कैसे कह सकेंगे वो ,
“मुझे पाना कोई बच्चों का खेल नहीं ”
पानी में ही मेरी परछाई देख लो ,
मैं हाथ में आने वाला नहीं ।”
मगर ओ भोले मामा !
तुम क्या जानो आज के मानव को !
बहुत पक्के इरादों वाले ,अत्यंत कुशाग्र
बुद्धि वाले ,मेहनती जीव को ।
तुम होंगे सारे विश्व के मामा ,
मगर तुम्हें अपने भारत का मामा बनाया ।
लहराकर तिरंगा तुम्हारे दिल पर ,
अपना वर्चस्व दर्शाया ।