चंदन की खुश्बू
लगती हर बात तेरी मुझको
चंदन की खुश्बू सी लगती है
आंचल का लहराना मुझको
मलय पवन सी लगती है
तेरे नयन का मुस्काना
अभिनंदन सी लगती है
हो जायेगा ये तन कुदंन
इक तेरी छुवन सी लगती है
लब का मंद – मंद मुस्काना
“सीरत” वंदन सी लगती है
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा