घृणित नजर
इज्जत करो नारी की, जो हर मर्द की ताकत होती है
रूप रोल चाहे कुछ भी हो, हर लड़की किसी की बेटी होती है पत्नी, बेटी पर कोई आंख उठाए, यह तुम्हें मंजूर नहीं
तो क्या रोड, डांस, बार वाली किसी की बहन बेटी नहीं
खुद की नजरों के राक्षस को, जब तक तू नहीं मिटाएगा
खुद की और दूसरों की बेटी में, अंतर ही पाएगा
दूसरी लड़की को देखकर, तुम्हें चैन आता है
अरे यह भी तो सोच……………………………..
तेरे वाली से भी कोई मन बहलाता है
जिस दिन हर शख्स रिश्ते की अहमियत को समझ जाएगा सुरक्षित होगी देश की बेटी हर बाप मुस्कुराएगा।।