*घुटन बहुत है बरसो बादल(हिंदी गजल/गीतिका)*
घुटन बहुत है बरसो बादल(हिंदी गजल/गीतिका)
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(1)
घुटन बहुत है बरसो बादल
बीत रहा मुश्किल से हर पल
(2)
बादल तो आए हैं लेकिन
कहीं बरसना जाए न टल
(3)
एक इलाज बरसना केवल
यही घुटन का होता है हल
(4)
इतनी घुटन नहीं रह सकती
बारिश आज नहीं तो फिर कल
(5)
काले घने घिरे बादल हैं
छतरी को घर से लेकर चल
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451