Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Dec 2024 · 1 min read

घावों को कुरेद कर, नासूर बना रहा हूं।

घावों को कुरेद कर, नासूर बना रहा हूं।
आहिस्ता आहिस्ता खुद को, मगरूर बना रहा हूं।
खुद को धोखेबाज दूनिया के लिए, सुरूर बना रहा हूं।
जिन्दगी है एक धोखा, ऐसा फितूर बना रहा हूं।

श्याम सांवरा …..

8 Views

You may also like these posts

"फिरकापरस्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
राम हैं क्या ?
राम हैं क्या ?
ललकार भारद्वाज
खेतों में हरियाली बसती
खेतों में हरियाली बसती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?
Ashok deep
DR arun कुमार shastri
DR arun कुमार shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
निरोगी काया
निरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
#काश मुझसे ना मिलते तुम
#काश मुझसे ना मिलते तुम
पूर्वार्थ
दिल-ए-मज़बूर ।
दिल-ए-मज़बूर ।
Yash Tanha Shayar Hu
गुमनाम ईश्क।
गुमनाम ईश्क।
Sonit Parjapati
Tears in eyes
Tears in eyes
Buddha Prakash
कलियों  से बनते फूल हैँ
कलियों से बनते फूल हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पद मिल जाए बिना प्रतिभा के तो धृतराष्ट्र बनते हैं( कुंठित लो
पद मिल जाए बिना प्रतिभा के तो धृतराष्ट्र बनते हैं( कुंठित लो
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
यदि हम कोई भी कार्य खुशी पूर्वक करते हैं फिर हमें परिणाम का
यदि हम कोई भी कार्य खुशी पूर्वक करते हैं फिर हमें परिणाम का
Ravikesh Jha
- कभी कुछ तो कभी कुछ -
- कभी कुछ तो कभी कुछ -
bharat gehlot
जहाँ मुर्दे ही मुर्दे हों, वहाँ ज़िंदगी क्या करेगी
जहाँ मुर्दे ही मुर्दे हों, वहाँ ज़िंदगी क्या करेगी
Shreedhar
काशी विश्वनाथ।
काशी विश्वनाथ।
Dr Archana Gupta
लगता है अपने रिश्ते की उम्र छोटी ही रही ।
लगता है अपने रिश्ते की उम्र छोटी ही रही ।
Ashwini sharma
अरे सुन जिंदगी ले जाएगी कहाँ
अरे सुन जिंदगी ले जाएगी कहाँ
VINOD CHAUHAN
"इफ़्तिताह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है।
बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है।
Neelam Sharma
परिवार जनों का प्रेम स्नेह ही जीवन की असली पूंजी है और परिवा
परिवार जनों का प्रेम स्नेह ही जीवन की असली पूंजी है और परिवा
Shashi kala vyas
कुर्बतों में  रफ़ाकत   थी, बहुत   तन्हाइयां थी।
कुर्बतों में रफ़ाकत थी, बहुत तन्हाइयां थी।
दीपक झा रुद्रा
3782.💐 *पूर्णिका* 💐
3782.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
2900 से अधिक पोस्ट्स पर 5.24 लाख से ज़्यादा
2900 से अधिक पोस्ट्स पर 5.24 लाख से ज़्यादा "व्यूज़" साबित करन
*प्रणय*
दुविधा
दुविधा
Shyam Sundar Subramanian
कपट
कपट
Sanjay ' शून्य'
खुरदरे हाथ
खुरदरे हाथ
आशा शैली
दिल तक रखते
दिल तक रखते
Dr fauzia Naseem shad
یہ وہ وقت ہے
یہ وہ وقت ہے
Otteri Selvakumar
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
लोग होंगे दीवाने तेरे रूप के
gurudeenverma198
Loading...