घर
ईंटों से बना
रिश्तों से सजा हुआ
प्रेम से भरा।
दिल हो जुड़ा
दुख सुख में सदा
घर है वही।
सुकून जहाँ
आराम मिले वहाँ
जन्नत घर।
छोटों से प्यार
बड़ों का हो सम्मान,
घर है वही।
सुरक्षा मिले
डर नही है रहे
घर है वही।
मंदिर सम,
रीतियों का हो मान
शांति हो रहे।
हर मकान
नही होता है घर
समझे सभी।