घर में गति विराम
घर में करें गति विराम
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हाथ जोड़ करूँ पुकार
घर से न निकलें बाहर
कोराना है महामारी
बनो नहीं तुम सरदार
अब न भाई चारा है
दूर से तुम करिए प्यार
सामने खड़ा हो यार
दूर से करें हुस्न दीदार
हाथ जोड़ करे प्रणाम
यही भारतीय संस्कार
एक मीटर कर दुराव
घर हो या फिर बाहर
बाहर से जो घर आओ
हाथ धोकर घर पधार
सदा तुम सहयोग करो
सदा सब से करे प्यार
घर में करें गति विराम
सुखविंद्र यही है पुकार
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)