Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2023 · 1 min read

घर-घर तिरंगा

ऑगन से लेकर अंतरिक्ष तक
आगाज से लेकर लक्ष तक
ये प्यारा तिरंगा लहराना है
घर-घर तिरंगा फहराना है

धरती से लेकर मंगल तक
खेलकूद से लेकर दंगल तक
तिरंगा विश्व में लहराना है
घर-घर तिरंगा फहराना है

गाँव से लेकर शहर तक
सागर से लेकर शिखर तक
ये प्यारा तिरंगा लहराना है
घर-घर तिरंगा फहराना है

अलसुबह से लेकर शाम तक
मेहनत से लेकर आराम तक
मधुर देश राग यह गाना है
घर-घर तिरंगा फहराना है

चौकी से लेकर सीमा तक
सम्मान से लेकर गरिमा तक
तिरंगा ऊचॉ सदा उठाना है
घर-घर तिरंगा फहराना है

पूरब से लेकर पश्चिम तक
उत्तर से लेकर दक्षिण तक
सब ओर ही तिरंगा छाना है
घर-घर तिरंगा फहराना है

दिल से लेकर दिमाग तक
साज से लेकर राग तक
सब को यही गुनगुनाना है
घर-घर तिरंगा फहराना है

छोटे से लेकर बड़े तक
पीछे पंक्ति में खड़े तक
सब पर प्रेम बरसाना है
घर-घर तिरंगा फहराना है

प्रतिक्षा से लेकर परीक्षा तक
राष्ट्र के गौरव की रक्षा तक
हरदम इसका मान बढ़ाना है
घर-घर तिरंगा फहराना है

क्षितिज से लेकर आसमान तक
जन्मभूमि से लेकर जहान तक
नभ पर भी तिरंगा लहराना है
घर-घर तिरंगा फहराना है ।

आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं ।।

Language: Hindi
235 Views
Books from Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
View all

You may also like these posts

एक दिन हम भी चुप्पियों को ओढ़कर चले जाएँगे,
एक दिन हम भी चुप्पियों को ओढ़कर चले जाएँगे,
पूर्वार्थ
जब अथक प्रयास करने के बाद आप अपनी खराब आदतों पर विजय प्राप्त
जब अथक प्रयास करने के बाद आप अपनी खराब आदतों पर विजय प्राप्त
Paras Nath Jha
चुनौतियाँ
चुनौतियाँ
dr rajmati Surana
नारी तू स्वाभिमानी है ..
नारी तू स्वाभिमानी है ..
meenu yadav
डर, साहस, प्रेरणा,कामुकता,लालच,हिंसा,बेइमानी इत्यादि भावनात्
डर, साहस, प्रेरणा,कामुकता,लालच,हिंसा,बेइमानी इत्यादि भावनात्
Rj Anand Prajapati
पसन्द नहीं था खुदा को भी, यह रिश्ता तुम्हारा
पसन्द नहीं था खुदा को भी, यह रिश्ता तुम्हारा
gurudeenverma198
किताब-ए-जीस्त के पन्ने
किताब-ए-जीस्त के पन्ने
Neelam Sharma
तेवरी का फार्म ग़ज़ल से बिलकुल अलग +श्रीराम मीणा
तेवरी का फार्म ग़ज़ल से बिलकुल अलग +श्रीराम मीणा
कवि रमेशराज
पिता प्रेम
पिता प्रेम
Jalaj Dwivedi
दुनिया धूल भरी लगती है
दुनिया धूल भरी लगती है
Rambali Mishra
मेरा कमरा जानता है
मेरा कमरा जानता है
Shakuntla Shaku
रुख़्सत
रुख़्सत
Shyam Sundar Subramanian
हमसफर ❤️
हमसफर ❤️
Rituraj shivem verma
प्रस्तुति : ताटक छंद
प्रस्तुति : ताटक छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
नई नसल की फसल
नई नसल की फसल
विजय कुमार अग्रवाल
*मित्र हमारा है व्यापारी (बाल कविता)*
*मित्र हमारा है व्यापारी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
साथ बिताए कुछ लम्हे
साथ बिताए कुछ लम्हे
Chitra Bisht
मदर्स डे
मदर्स डे
Satish Srijan
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
■मतलब-परस्ती■
■मतलब-परस्ती■
*प्रणय*
"फिर बच्चा बन जाऊँ"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
शेखर सिंह
मै खामोश हूँ , कमज़ोर नहीं , मेरे सब्र का  इम्तेहान न ले ,
मै खामोश हूँ , कमज़ोर नहीं , मेरे सब्र का इम्तेहान न ले ,
Neelofar Khan
17. सकून
17. सकून
Lalni Bhardwaj
जिंदगी तेरे नाम हो जाए
जिंदगी तेरे नाम हो जाए
Surinder blackpen
गंगा काशी सब हैं घरही में.
गंगा काशी सब हैं घरही में.
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
माटी के पुतले और न कर मनमानी
माटी के पुतले और न कर मनमानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
भाव में,भाषा में थोड़ा सा चयन कर लें
भाव में,भाषा में थोड़ा सा चयन कर लें
Shweta Soni
जीव-जगत आधार...
जीव-जगत आधार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
अमृत वचन
अमृत वचन
Dinesh Kumar Gangwar
Loading...