घर के सारे लोग
घर के सारे लोग
मर जायें पर
मुझे घर के तहखाने में
दबा
सोने चांदी का कलश
और तिजोरी की चाबी
मिल जाये
मैं बस पैसों की खनक को
सुनता रहूं और
नोटों की गड्डी के नोटों को
एक एक करके गिनता रहूं
बस यही करते करते
मेरा जनाजा इस जहां से
चाहे तो उठ जाये।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001