Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 2 min read

घर के राजदुलारे युवा।

संघर्षों के मैदानों में ,
नूतन राह बनाते युवा।
कम उम्र में ही पक जाते,
घर के राजदुलारे युवा।

जिम्मेदारियों के बोझ को,
कंधो पर उठाते युवा।
सात अजूबे हैं दुनिया में,
आठवें बेरोजगार युवा।

मोबाइल से पढ़ते पढ़ते,
खुद डिस्चार्ज हो गए युवा।
सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं,
लेकिन हैं अनसोशल युवा।

पीले हाथों की उम्र में,
नीले हाथ कराते युवा।
थाल में मुद्रिका ढूंढने वाले
एग्जाम सेंटर ढूंढते युवा।

सरकारी नौकर बनने को,
रात रात भर पढ़ते युवा।
क्रिकेट टेस्ट खेलने वाले
टेस्ट सीरीज लगाते युवा।

परीक्षा का फॉर्म भरने को,
पैसे कैसे जुगाड़े युवा।
सेंटर ईतना दूर दे दिया,
ओवर एज हो गए युवा।

राजनीति की रपटी राहों में,
भ्रष्टाचारी हो गए युवा।
इतिहास,भूगोल पढ़ते पढ़ते,
सिंधुघाटी हो गए युवा।

उम्मीदें पापा,मम्मी की,
खुद डूब,पार लगाते युवा ।
नास्तिकता की बातें करते,
हर दिन मंदिर जाते युवा।

बचपन फिर से जीना चाहें,
पसीने से नहाना चाहें युवा।
बड़ी दौड़ भाग करते ये,
मेहनतकश मेहनती युवा।

जो न कभी पैदल चलते थे,
आठसो मीटर दौड़ते युवा।
पंद्रह लाख की भेंट चढ़ गए,
बेरोजगार भटकते युवा।

बेरोजगारी के मारे मारे,
ब्रेड पकोड़े तलते युवा।
नोकरी पाने के चक्कर में,
आधे बूढ़े हो गए युवा।

चंदा को मामा कहने वाले,
खुद मामा जैसे हो गए युवा।
धरती पर न टिकने वाले,
आसमां जैसे हो गए युवा।

स्कूल में टॉपर रहने वाले,
बॉटम जैसे हो गए युवा।
फेसबुक पर दोस्त बहुत हैं,
लेकिन खुद से दूर हैं युवा।

डरते ,बचते बचाते चलते,
नजरे छुपाते चलते युवा।
क्या कर रहें हो कोई न पूछे,
शादी-ब्याह न जाते युवा।

भविष्य बनाने के चक्कर में
पूरा जीवन जी गए युवा।
क्षण की इनको खबर नहीं है
पंचवर्षी प्लान बनाते युवा

पीर पराई हरने वाले,
खुद पीर पराई हो गए युवा।
परछाई से डरने वाले,
परछाई संग सो गए युवा।

घर का खाने वाले,
जमेटो वाले हो गए युवा।
तनाव बहुत ये झेल न पाए,
भूखे पेट ही सो गए युवा।

कद्दू ,लोकी जो न खाते थे,
करेला भी खा जाते युवा।
अंगूर ,सेवफल खाने वाले,
किशमिश जैसे हो गए युवा।

मन को बहुत मारमार कर,
खुद मजबूत दिखाते युवा।
अश्रु का सैलाब है अंदर,
बाहर से मुस्कुराते युवा।

मां को मन की बता न पाते,
पापा से ये डरते युवा।
अंदर अंदर घुटते रहते ,
मां पापा के लाडले युवा।

अपना इनसे कोई दूर हो,
नहीं सहन कर पाते युवा।
अपना जब कोई प्रिय मिले,
गले लगते , रो देते युवा।

माता पिता से आंख लड़ाएं,
कलि के ये आधुनिक युवा।
इनको कोई कैसे समझाए,
इनके बच्चे भी होंगे युवा।

आजाद और भगतसिंह बन,
‘दीप’ क्रांति का जलाते युवा।
गुलामी के तम को ये हरते,
हर ओर उजाला करते युवा।

-जारी
-कुल’दीप’ मिश्रा

Language: Hindi
2 Likes · 205 Views

You may also like these posts

ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं।
ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं।
Manisha Manjari
Tumhara Saath chaiye ? Zindagi Bhar
Tumhara Saath chaiye ? Zindagi Bhar
Chaurasia Kundan
देवताई विश्वास अंधविश्वास पर एक चिंतन / मुसाफ़िर बैठा
देवताई विश्वास अंधविश्वास पर एक चिंतन / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
तुम गए हो यूँ
तुम गए हो यूँ
Kirtika Namdev
कल को कल ही सोचना,
कल को कल ही सोचना,
sushil sarna
# खरी बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
कविता
कविता
Rambali Mishra
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
तुम्हारा प्यार मिले तो मैं यार जी लूंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
वो मेरी कविता
वो मेरी कविता
Dr.Priya Soni Khare
संतुष्टि
संतुष्टि
Dr. Rajeev Jain
बिखरी बिखरी जुल्फे
बिखरी बिखरी जुल्फे
Khaimsingh Saini
भूल हो गयी हो अगर आप से
भूल हो गयी हो अगर आप से
Shinde Poonam
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
manjula chauhan
जयचंदों का देश में,फलता नही रिवाज.
जयचंदों का देश में,फलता नही रिवाज.
RAMESH SHARMA
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
कवि रमेशराज
3090.*पूर्णिका*
3090.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब साथ छोड़ दें अपने, तब क्या करें वो आदमी
जब साथ छोड़ दें अपने, तब क्या करें वो आदमी
gurudeenverma198
मन की गति
मन की गति
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ताल -तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान
ताल -तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
परिवर्तन
परिवर्तन
Khajan Singh Nain
जिसे हमने चाहा उसने चाहा किसी और को,
जिसे हमने चाहा उसने चाहा किसी और को,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
संपत्ति।
संपत्ति।
Amber Srivastava
धन्य हैं वो बेटे जिसे माँ-बाप का भरपूर प्यार मिलता है । कुछ
धन्य हैं वो बेटे जिसे माँ-बाप का भरपूर प्यार मिलता है । कुछ
Dr. Man Mohan Krishna
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
singh kunwar sarvendra vikram
*जाते हैं जग से सभी, राजा-रंक समान (कुंडलिया)*
*जाते हैं जग से सभी, राजा-रंक समान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दीपावली
दीपावली
Dr Archana Gupta
अंतर्मन विवशता के भवर में है फसा
अंतर्मन विवशता के भवर में है फसा
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
कहना ही है
कहना ही है
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
Loading...