Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2022 · 1 min read

घर के भीतर सीख रहे हैं( कोरोना गीत )

घर के भीतर सीख रहे हैं( कोरोना गीत )
—————————————–
घर के भीतर सीख रहे हैं अब हम समय बिताना
( 1 )
किसने सोचा था कोरोना बीमारी आएगी
किसने सोचा था यह सारे जग भर में छाएगी
किसने सोचा था यह छूने भर से लग जाएगी
किसने सोचा था जिंदा इंसानों को खाएगी
यह डरावना दौर हमारे जीवन में था आना
( 2 )
मिलना – जुलना बंद हो गया अब कब हाथ मिलाते
होली पर किसने देखा है किसको गले लगाते
अगर किसी से छू भी जाओ तो दिल घबराता है
अगर छींक ले कोई , कमरा खाली हो जाता है
नहीं सिनेमा हॉल मॉल जाने का रहा जमाना
( 3 )
दुनिया से कटकर हम खुद में खो-खो कर रह जाते
टीवी मोबाइल के सँग में सारा समय बिताते
मिलने वालों से भी मिलने से रहते कतराते
नजरबंद कर डाला खुद को अब कैदी कहलाते
प्रश्न उपस्थित सिर्फ एक है अपनी जान बचाना
——————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
Tag: गीत
142 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
हवाओं ने बड़ी तैय्यारी की है
Shweta Soni
मेरे हिस्से सब कम आता है
मेरे हिस्से सब कम आता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
गंगा की जलधार
गंगा की जलधार
surenderpal vaidya
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
पथप्रदर्शक
पथप्रदर्शक
Sanjay ' शून्य'
नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है।
नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है।
Taj Mohammad
कोई तो मेरा अपना होता
कोई तो मेरा अपना होता
Juhi Grover
International Yoga Day
International Yoga Day
Tushar Jagawat
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
Phool gufran
हरियाणा दिवस की बधाई
हरियाणा दिवस की बधाई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खुद को सही और
खुद को सही और
shabina. Naaz
*गुरु (बाल कविता)*
*गुरु (बाल कविता)*
Ravi Prakash
यही तो जिंदगी है
यही तो जिंदगी है
gurudeenverma198
गूँगी गुड़िया ...
गूँगी गुड़िया ...
sushil sarna
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
*नवरात्रि के इन पावन पर्व में ...*
*नवरात्रि के इन पावन पर्व में ...*
Shashi kala vyas
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
सज़ा-ए-मौत भी यूं मिल जाती है मुझे,
सज़ा-ए-मौत भी यूं मिल जाती है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पूरी कर  दी  आस  है, मोदी  की  सरकार
पूरी कर दी आस है, मोदी की सरकार
Anil Mishra Prahari
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
Saraswati Bajpai
#रोचक_तथ्य
#रोचक_तथ्य
*प्रणय प्रभात*
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
बेटी
बेटी
नूरफातिमा खातून नूरी
हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा
Dr Archana Gupta
2598.पूर्णिका
2598.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
"हाशिया"
Dr. Kishan tandon kranti
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...