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6 Feb 2021 · 1 min read

घर की कैद

घर की कैद
मुझे खुद के दिल के
तहखाने तक ले गई जहां
मुझे खुदा मिला
अपने घर की छत का
खुला आसमान तो न मिला
पर कायनात के सारे
सतरंगी रंगों को समेटे
एक सफेद उज्जवल
चांदी के रंग सा चमकीला
रूहानी सुकून देता
अनोखा जहां जरूर मिला।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
238 Views
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