घर की औरतें
घर की औरतें
नमक ज्यादा हो तो जहर,
कम होतो, क्या बनाया है?
मिर्च ज्यादा हो तो, बकवास,
कम हो तो, कुछ नहीं आता है??
ये क्यों बना है?
वो क्यों नहीं बना है?
क्या इसके सिवा,
कुछ और नहीं है तुम्हारे पास?
इस रसोई के कितने ही,
हजारों किस्से हैं,
क्या क्या सुनेंगे आप??
घर की औरतें,
महज कोई मशीन नहीं है,
ये भी चलती फिरती इंसान हैं.
जिस तरह आप फरमाइश करते हैं,
वैसे ही,
इनके भी अरमान हैं.
नहीं चाहतीं, ये,
आप एक दिन केक लाएं,
और “मदर्स डे” मनाएं,
जो भी ये दिल से बनातीं हैं,
आप तो बस!!
उसे खुशी खुशी खाएं.
है ना, आसान सी बात!!
उम्मीद करती हूँ, समझ गए होंगे आप.