घर की इज्ज़त।
तुम खुद ही ज़िल्लत दे देते हमको तो होती कोई भी बात नहीं।
पर घर की इज्जत को यूँ सरे बाजार ले आए अच्छी बात नहीं।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍
तुम खुद ही ज़िल्लत दे देते हमको तो होती कोई भी बात नहीं।
पर घर की इज्जत को यूँ सरे बाजार ले आए अच्छी बात नहीं।।
✍✍ताज मोहम्मद✍✍