घर आना नॅंदलाल हमारे, ले फागुन पिचकारी (गीत)
घर आना नॅंदलाल हमारे, ले फागुन पिचकारी (गीत)
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घर आना नॅंदलाल हमारे, ले फागुन पिचकारी
1
जब मन तुम्हें बुलाए, हमको आगे और न ठगना
कोरे वस्त्र रहे जो अब तक, सात रंग से रॅंगना
ऐसे हमें भिगोना हम हों, युग-युग तक आभारी
2
हाथों में लेकर गुलाल जो, लाओ हमें लगाना
जन्म-जन्म की हर बाधा को, माधव दूर हटाना
वृंदावन की धूम मचाना, केशव कुंज बिहारी
3
रंग लगाना ऐसा जो फिर, नहीं छूटने पाए
रंग अलौकिक पाकर माधव, सफल जन्म हो जाए
मस्ती मिल जाए अनंत वह, मधु हो कभी न खारी
घर आना नॅंदलाल हमारे, ले फागुन पिचकारी
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451