Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Sep 2019 · 1 min read

घर अब मकान बन गए

घर घर नहीं रहे अब मकान बन गए
घर अब इस जहाँ में दुकान बन गए

रहते थे सभी संग मौज मस्ती में
देखो,अतीत की मिशाल बन गए

छोटे घर थे पर दिल विशाल थे
दिल लघु पर बड़े मकान बन गए

प्रेम प्यार में सभी लिप्त लुप्त थे
खिले उद्यान अब विरान बन गए

बरगदी घनी छाँव में पले बड़े हुए
AC की बयार में बीमार बन गए

हास्य ठिठोली ठहाकों की गूंज थी
उतरे चेहरे बुझे हुए चिराग बन गए

संयुक्त कुटुंब में रोज मेले भरते थे
एकांत में अब एकाकीपन बन गए

जी भर के जीते थे प्रत्येक रिश्ते को
अब संबंंधों में रिश्ते अकाल बन गए

दादा दादी की गोद मे लोट पोट हुए
ये निज रिश्ते भी अब लोप बन गए

जिन्दादिली मनुभावों की मिशाल थे
अब वो भाव अधूरे अरमान बन गए

घर घर नहीं रहे अब मकान बन गए
घर अब इस जहाँ में दुकान बन गए

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
172 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तल्खियां
तल्खियां
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
"मां की ममता"
Pushpraj Anant
बेटी का हक़
बेटी का हक़
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
आज फिर ....
आज फिर ....
sushil sarna
रावण न जला हां ज्ञान जला।
रावण न जला हां ज्ञान जला।
मधुसूदन गौतम
*आई गंगा स्वर्ग से, चमत्कार का काम (कुंडलिया)*
*आई गंगा स्वर्ग से, चमत्कार का काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात।
आ जा उज्ज्वल जीवन-प्रभात।
Anil Mishra Prahari
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
मेरी मजबूरी को बेवफाई का नाम न दे,
Priya princess panwar
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक - अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#ग़ज़ल/
#ग़ज़ल/
*प्रणय*
* कुपोषण*
* कुपोषण*
Vaishaligoel
3773.💐 *पूर्णिका* 💐
3773.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गुरु कुल में (गोपी )
गुरु कुल में (गोपी )
guru saxena
कहा किसी ने
कहा किसी ने
Surinder blackpen
"याद के जख्म"
Dr. Kishan tandon kranti
Ranjeet Kumar Shukla- kanhauli
Ranjeet Kumar Shukla- kanhauli
हाजीपुर
*बदले नहीं है आज भी लड़के*
*बदले नहीं है आज भी लड़के*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तुम्हें मुझको रिझाना चाहिये था
तुम्हें मुझको रिझाना चाहिये था
अर्चना मुकेश मेहता
दोहा छंद विधान
दोहा छंद विधान
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मिल जाये
मिल जाये
Dr fauzia Naseem shad
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बाँसुरी
बाँसुरी
Indu Nandal
गीत- रहें मिलकर सजाएँ प्यार से...
गीत- रहें मिलकर सजाएँ प्यार से...
आर.एस. 'प्रीतम'
- खोजते रहो रास्ता -
- खोजते रहो रास्ता -
bharat gehlot
हमेशा समय रहते दूसरों की गलतियों से सीख लेना
हमेशा समय रहते दूसरों की गलतियों से सीख लेना
Sonam Puneet Dubey
भारतीय संविधान ने कहा-
भारतीय संविधान ने कहा-
Indu Singh
#वचनों की कलियाँ खिली नहीं
#वचनों की कलियाँ खिली नहीं
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेक
*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेक
Shashi kala vyas
As you pursue your goals and become a better version of your
As you pursue your goals and become a better version of your
पूर्वार्थ
अब प्यार का मौसम न रहा
अब प्यार का मौसम न रहा
Shekhar Chandra Mitra
Loading...