“घमंडी”
?”घमंडी”?
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“घमंडी” लोग हर जगह ही होते ,
अपने आप पे वे खूब गर्व करते ,
उन्हें आम लोगों की परवाह नहीं ,
बस, खुद को ही सर्वेसर्वा समझते !!
वे सदा अपने नशे में ही चूर रहते ,
औरों को तो तिरस्कृत ही करते ,
खुद को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते ,
औरों के लिए सदा गड्ढे ही खोदते !!
भले खुद ही उस गड्ढे में वे गिर जाते ,
पर कभी अपनी आदत नहीं छोड़ते ,
भविष्य की तनिक भी चिंता न करते ,
वर्तमान में ही सारी शक्ति झोंक देते !!
भविष्य में बहुत बड़ा झटका खाते ,
बहुत ही गहरी खाई में वे गिर जाते ,
फिर उससे कभी निकल नहीं पाते ,
पर अपनी आदत से नही बाज आते !!
घमंड से किसी का भी भला ना होता ,
घमंडी खुद उसकी आग में तो जलता ,
औरों का भी जीना वो मुश्किल करता ,
जवाबदेही का अच्छे से निर्वाह न करता !!
घमंडी व्यक्ति समाज के लिए भी घातक है ,
वो कभी नहीं किसी का भी शुभचिंतक है ,
वो अपने फायदे के लिए कुछ भी करता ,
देश-दुनिया की भी कोई परवाह न करता !!
प्रायः वो लंबी – लंबी डींगें हाॅंकता रहता ,
कभी – कभी तो सारी हदें पार कर जाता ,
मासूम लोगों को अपनी जाल में फॅंसाता ,
बेईमानी की ही राह पकड़कर आगे बढ़ता !!
आम लोगों से वो मिल-जुलकर नहीं रहता ,
खुद की क़ीमत बढ़ा-चढ़ाकर ही ऑंकता ,
औरों को सदा अनुपयोगी ही सिद्ध करता ,
इस तरह अपने तरीके से वो जीवन जीता !!
स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 29 अक्टूबर, 2021.
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