Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2019 · 1 min read

गज़ल

गज़ल
मुमकिन नहीं जवाब हर एक सवाल का
गम जिंदगी ना कर अगर ये हल नहीं होते.
मायूस न हो ग़र मिले नाकामियां कभी
ऎसा हे कि सब खा़ब्ब मुसल्सल नहीं होते.
मुश्किल कोई भी हो यहां आसां नहीं होती
हैं एसे भी मसले जो कभी हल नहीं होते.
आँखो की किरकिरी भी लोग बनते है कभी
सब लोग आँख का मेरी काजल नही होते.
माँ-बाप मुहब्बत में यही चाहें कि बच्चे,
पल भर “मैत्री”निगाह से ओझल नहीं होते.

1 Like · 459 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सजे थाल में सौ-सौ दीपक, जगमग-जगमग करते (मुक्तक)
सजे थाल में सौ-सौ दीपक, जगमग-जगमग करते (मुक्तक)
Ravi Prakash
दोहे-मुट्ठी
दोहे-मुट्ठी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मां शारदे कृपा बरसाओ
मां शारदे कृपा बरसाओ
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
नारी
नारी
Bodhisatva kastooriya
एक शख्स
एक शख्स
Pratibha Pandey
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
**पी कर  मय महका कोरा मन***
**पी कर मय महका कोरा मन***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बरखा
बरखा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
वक्त यूं बीत रहा
वक्त यूं बीत रहा
$úDhÁ MãÚ₹Yá
" करवा चौथ वाली मेहंदी "
Dr Meenu Poonia
कफन
कफन
Kanchan Khanna
अधीर मन खड़ा हुआ  कक्ष,
अधीर मन खड़ा हुआ कक्ष,
Nanki Patre
हाल ऐसा की खुद पे तरस आता है
हाल ऐसा की खुद पे तरस आता है
Kumar lalit
मन मन्मथ
मन मन्मथ
अशोक शर्मा 'कटेठिया'
आत्मसंवाद
आत्मसंवाद
Shyam Sundar Subramanian
#प्रभात_चिन्तन
#प्रभात_चिन्तन
*Author प्रणय प्रभात*
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
Phool gufran
2549.पूर्णिका
2549.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*चांद नहीं मेरा महबूब*
*चांद नहीं मेरा महबूब*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"अनमोल"
Dr. Kishan tandon kranti
"Recovery isn’t perfect. it can be thinking you’re healed fo
पूर्वार्थ
ज़िंदगी मो'तबर
ज़िंदगी मो'तबर
Dr fauzia Naseem shad
ख़यालों में रहते हैं जो साथ मेरे - संदीप ठाकुर
ख़यालों में रहते हैं जो साथ मेरे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ना तुमसे बिछड़ने का गम है......
ना तुमसे बिछड़ने का गम है......
Ashish shukla
काश ये मदर्स डे रोज आए ..
काश ये मदर्स डे रोज आए ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
यादों को याद करें कितना ?
यादों को याद करें कितना ?
The_dk_poetry
केवल
केवल
Shweta Soni
Loading...