ग्रुप का अर्थ
ग्रुप का अर्थ
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बनाए जाते है जो ग्रुप,उनमें मन मिलाए जाते है।
बिखरे हुए जो मोती,उन्हे माला में पिरोए जाते है।।
टूट जाता है जब एक मोती बडा दुःख होता है।
माला पूरा करने को दूसरा मोती ढूंढना होता है।।
करो ग्रुप की संधि विच्छेद गुरु जमा रूप होता है।
हर साथी का उसमें कुछ न कुछ उपदेश होता है।।
होती है जब एकता ग्रुप में बड़ी से बड़ी जंग जीत जाते है।
एकता न होने पर हम छोटी से छोटी जंग हार जाते है।।
होते है माला मे सभी दोस्त,वह प्रभु का रूप होता है।
पता जब लगता है जब एक दोस्त हमसे जुदा होता है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम