Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2024 · 1 min read

ग्रीष्म ऋतु के रुठे पवन

ग्रीष्म ऋतु के रुठे पवन,
छोड़ रीति कर आलिंगन।
था दिन वह जब, शरद पिता के कारण,
तुझसे न ऑंख मिलाई,
ओढ़ चादर नैना भी छुपाई,
गए पिता, बीता वो दिन,
मचल उठा चंचल मन,
ग्रीष्म ऋतु के रूठे पवन,
छोड़ रीति कर आलिंगन।

अविलंब मिलन की है उद्विग्नता,
तरपित हृदय की उदित चंचलता,
कहूँ किससे चित की बात,
हो रुठे क्यों ग्रीष्म वात,
किस क्षण होगा तुझसे मिलन,
ग्रीष्म ऋतु के रुठे पवन,
छोड़ रीति कर आलिंगन।

कब तक रुठा रहेगा मनहर,
बीते कितने दिन और प्रहर,
मिट रहा अब आश प्रिया का,
टूट रहा विश्वास जिया का,
तू है कहाँ? बना घना आवरण,
ग्रीष्म ऋतु के रुठे पवन,
छोड़ रीति कर आलिंगन।

आश में, बैठी अहर्निशं हम
क्या दिवास्वप्न है? मिलोगे तुम,
दिनकर दे रहा तन- मन जलन,
किया मौसम परंपरा-सा अवरोधन,
कर दे तू रीति का अतिक्रमण,
ग्रीष्म ऋतु के रुठे पवन,
छोड़ रीति कर आलिंगन।
उमा झा🙏💕

Language: Hindi
1 Like · 142 Views
Books from उमा झा
View all

You may also like these posts

श्री राम जय राम।
श्री राम जय राम।
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
पुराने घर की दरारें
पुराने घर की दरारें
Chitra Bisht
।। परिधि में रहे......।।
।। परिधि में रहे......।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
दोस्त
दोस्त
Rambali Mishra
कुछ बेनाम कविताएं
कुछ बेनाम कविताएं
Padmaja Raghav Science
कविता -आओ संकल्प करें
कविता -आओ संकल्प करें
पूनम दीक्षित
अपना-अपना
अपना-अपना "टेलिस्कोप" निकाल कर बैठ जाएं। वर्ष 2047 के गृह-नक
*प्रणय*
ਗੁਆਚੇ ਹੋਏ ਦੋਸਤ
ਗੁਆਚੇ ਹੋਏ ਦੋਸਤ
Surinder blackpen
हे मन
हे मन
goutam shaw
" निर्लज्ज "
Dr. Kishan tandon kranti
तुम ही हो मेरी माँ।
तुम ही हो मेरी माँ।
Priya princess panwar
जीवन का हिसाब
जीवन का हिसाब
Indu Singh
आधार छन्द-
आधार छन्द- "सीता" (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगा (15 वर्ण) पिंगल सूत्र- र त म य र
Neelam Sharma
???
???
शेखर सिंह
Ant lily Weds Elephant Tongo
Ant lily Weds Elephant Tongo
Deep Shikha
हाँ मेरी  जरुरत  हो  तुम।
हाँ मेरी जरुरत हो तुम।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
गीत- हरपल चाहूँ तुझे निहारूँ...
गीत- हरपल चाहूँ तुझे निहारूँ...
आर.एस. 'प्रीतम'
रमेशराज का एक पठनीय तेवरी संग्रह “घड़ा पाप का भर रहा ” +डॉ. हरिसिंह पाल
रमेशराज का एक पठनीय तेवरी संग्रह “घड़ा पाप का भर रहा ” +डॉ. हरिसिंह पाल
कवि रमेशराज
4009.💐 *पूर्णिका* 💐
4009.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आशाएं
आशाएं
शिवम राव मणि
-: काली रात :-
-: काली रात :-
Parvat Singh Rajput
अहंकार का पूर्णता त्याग ही विजय का प्रथम संकेत है।
अहंकार का पूर्णता त्याग ही विजय का प्रथम संकेत है।
Rj Anand Prajapati
दुख मिल गया तो खुश हूँ मैं..
दुख मिल गया तो खुश हूँ मैं..
shabina. Naaz
1) आखिर क्यों ?
1) आखिर क्यों ?
पूनम झा 'प्रथमा'
*आया फिर से देश में, नूतन आम चुनाव (कुंडलिया)*
*आया फिर से देश में, नूतन आम चुनाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
सहेजे रखें संकल्प का प्रकाश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
4 खुद को काँच कहने लगा ...
4 खुद को काँच कहने लगा ...
Kshma Urmila
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
ruby kumari
Loading...