अभिमानियों का अभिमान तोड़ो भगवान
सुना है भगवान !
तुमने रावण का अहंकार तोड़ा ,
हर युग में दुष्ट अभिमानियों का अभिमान ,
तुमने तोड़ा ।
तो अब क्यों नहीं ?
अब क्यों कर खामोश हो तुम ?
ऐसा तो नामुमकिन है ,
अब वोह शक्ति तुममें नहीं।
मगर तुम्हारी अब धरती पर नजर नहीं।
एक बार फुर्सत मिले तो देखो ,
इस धरती की ओर।
इस कलयुग में रावण से बड़े बड़े अभिमानियों का
शासन छाया हुआ है।
अतिशीघ्र सब दुष्टों का अभिमान तोड़ो भगवान ।
सभी तो सभी हम जैसे निर्बल ,अस्सहाय ,बदकिस्मत
लोगों का विश्वास तुम पर बढ़ेगा ।
तनिक दो हम पर ध्यान ।