ग्यारह मई
मेरा जन्म
दुनिया की अति साधारण घटना।
नही हुई कोई आकाशवाणी मेरे होने पर
नही बरसे पुष्प
नही हर्षे देव
किसी क्रांति की आशा प्रत्याशा
ईश्वर को मुझसे रही नही
अवतार सी नही जन्मी में
जैसे जन्मे गौतम
जैसे जन्मे महावीर
या आइंस्टीन या न्यूटन या गांधी
या की जैसे जन्मी नायिकाएं
सुर कन्याएं
वैसे नही जन्मी में
मैं ऐसे जन्मी जैसे
जन्मे है पड़ोस में
मन्नू ,पप्पू, दीनू, निन्नी
और
डम्पी।
मैं ऐसे जन्मी जैसे
अंगारों को फूंकने से
मद्धम ताप लिए
जन्म जाती है लौ
जैसे जन जाती हो
खरपतवार ,
किनारे किनारे ,
नदी के,
अतिसाधारण,
जैसे जन्मती है
करोड़ों शिशु
माताएं,
उनमें से एक मैं भी रही,
मेरा जन्म,
दुनिया की अति साधारण घटना..!
जारी..