गौरैया खुश है
गौरैया खुश है
अपने आसपास
अपनी कॉलोनी में
अपने परिचितों-सम्बन्धियों को
अपने प्रकृति-पशु प्रेमी
होने के दिखावे में ही
लोगों को
अपने घरों के
छोटे आँगन में
घर की छतों पर
गमलों में पौधे और
गौरैया के लिए
घोंसले लटकाते हुए देख
गौरैया खुश है
चलो…दिखावे में ही
मनुज चेत तो रहा है
बहुत न सही
थोड़ा सा कर तो रहा है
तो फिर
कर्तव्य तो बनता है
जहाँ लटकाए गए हैं घोंसले
जहाँ बिखेरा गया है अनाज
जहाँ रखा गया है पानी
हमारे लिए
उन घरों में
थोड़ी-थोड़ी देर जा
कुछ दाने खा लिए जाएँ
थोड़ा सा पानी पी लिया जाए
लटके हुए घोंसलों को
छू कर, उनमें बैठ कर
देख लिया जाए
यही सोच कर गौरैया
मुस्कुराते हुए
चूँ-चूँ कर चहचहाते हुए
खुश होकर गौरैया
घरों में आने लगी है
अपना गीत सुनाने लगी है।
#डॉभारतीवर्माबौड़ाई