Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2016 · 1 min read

गौमाता

गौमाता

तैंतीस कोटि देवों ने भी
जिसे बनाया अपना धाम ,
ऐसी गौ माता को हम
निश – दिन करें प्रणाम ।।

गौमाता के हित में देखो
भगवन भी गोपाल बने ,
ग्वाल बाल संग लीला करके
श्री गोवर्धन लाल बने ।।

हम मानुष होकर भी देखो
मान न गौ को दे पाते हैं ,
राह राह भटकती है वो
आश्रय भी न बना पाते हैं ।

दूध दही माखन उसका
सबको बड़ा लुभाता है ,
औषधि का रूप है गौरस
लाभ बहुत पहुँचाता है ।।

मानुष ज्ञानी होकर भी तुम
क्यों अज्ञानी हो बने हुए ,
उसे हटा लो चौराहों से
वहाँ गौभक्षी हैं खड़े हुए ।।

गौ रक्षा का संकल्प करो
सम्मान उसका वापस लाओ ,
पूजनीय बने वो घर घर में
संदेश धरा पर है फैलाओ ।।

डॉ रीता
आया नगर , नई दिल्ली

Language: Hindi
460 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all
You may also like:
बाल कविता: नदी
बाल कविता: नदी
Rajesh Kumar Arjun
कई रात को भोर किया है
कई रात को भोर किया है
कवि दीपक बवेजा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
बेटियां
बेटियां
Madhavi Srivastava
नजरिया-ए-नील पदम्
नजरिया-ए-नील पदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
# नमस्कार .....
# नमस्कार .....
Chinta netam " मन "
नववर्ष
नववर्ष
Neeraj Agarwal
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
कैसा होगा कंटेंट सिनेमा के दौर में मसाला फिल्मों का भविष्य?
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
" ये धरती है अपनी...
VEDANTA PATEL
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
जन जन फिर से तैयार खड़ा कर रहा राम की पहुनाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
काला दिन
काला दिन
Shyam Sundar Subramanian
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
जो लोग बिछड़ कर भी नहीं बिछड़ते,
शोभा कुमारी
"फागुन गीत..2023"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
उसे लगता है कि
उसे लगता है कि
Keshav kishor Kumar
क्या कहे हम तुमको
क्या कहे हम तुमको
gurudeenverma198
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
Yogendra Chaturwedi
जिंदगी में हर पल खुशियों की सौगात रहे।
जिंदगी में हर पल खुशियों की सौगात रहे।
Phool gufran
"फोटोग्राफी"
Dr. Kishan tandon kranti
नौकरी (२)
नौकरी (२)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बुरे हालात से जूझने में
बुरे हालात से जूझने में
*Author प्रणय प्रभात*
ज़रूरत के तकाज़ो पर
ज़रूरत के तकाज़ो पर
Dr fauzia Naseem shad
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लघुकथा - एक रुपया
लघुकथा - एक रुपया
अशोक कुमार ढोरिया
वक्त बदलते ही चूर- चूर हो जाता है,
वक्त बदलते ही चूर- चूर हो जाता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आस लगाए बैठे हैं कि कब उम्मीद का दामन भर जाए, कहने को दुनिया
आस लगाए बैठे हैं कि कब उम्मीद का दामन भर जाए, कहने को दुनिया
Shashi kala vyas
एक कुआ पुराना सा.. जिसको बने बीत गया जमाना सा..
एक कुआ पुराना सा.. जिसको बने बीत गया जमाना सा..
Shubham Pandey (S P)
💐प्रेम कौतुक-437💐
💐प्रेम कौतुक-437💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...