गौतम बुद्ध रूप में इंसान ।
जब से तुम मिल गये भगवान,
गौतम बुद्ध रूप में इंसान,
करुणा अपनी है बरसाई,
उलझन जीवन की तुमने मिटाई।….(१)
जब से तुम मिल गये भगवान,
गौतम बुद्ध रूप में इंसान,
मिट गया सारा ही अज्ञान,
शांति जीवन में तेरे सारण है पाई।…(२)
जब से तुम मिल गये भगवान,
गौतम बुद्ध रूप में इंसान,
जीवन में दया की अमृत बरसाई,
मन के विकरो से मुक्ति है पाई।……(३)
जब से तुम मिल गये भगवान,
गौतम बुद्ध रूप में इंसान,
हुआ जीवन मेरा सुखदायी,
ऐसी राह जो तुमने दिखाई।….(४)
रचनाकार-
✍🏼✍🏼 बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर।