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22 Feb 2024 · 1 min read

गौण हुईं अनुभूतियाँ,

गौण हुईं अनुभूतियाँ,
क्षीण हुए सम्बंध ।
नाम मात्र की रह गई,
रिश्तों की बस गंध ।।

सुशील सरना / 22-2-24

1 Like · 158 Views
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