गोवर्धन की आरती (भक्ति-गीत)
गोवर्धन की आरती (भक्ति-गीत)
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आरती श्री गोवर्धन की
पेड़ पर्वत भू के धन की
(1)
पूजने सब गौ को जाएँ
धन्यता जीवन में लाएँ
पूर्ण हो इच्छा सब मन की
आरती श्री गोवर्धन की
(2)
हरापन धरती पर लाएँ
देख पर्वत को मुस्काएँ
करें जय पेड़ों-उपवन की
आरती श्री गोवर्धन की
(3)
कन्हैया ने पर्वत पूजा
बड़ा इससे कुछ कब दूजा
वंदना श्री हरि के प्रण की
आरती श्री गोवर्धन की
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर