गोरी नयन बाण न मारौ
गोरी नयन बाण न मारौ, गोरी नयन बाण न मारौ
घायल कियो बाहर भीतर से, तन-मन सभी विदारौ
गोरी नयन बाण न मारौ, तन मन नाहीं विदारौ
ऐंसी मारी प्रेम कटारी, सुध बुध सभी विसारौ
ऐंसौ रंग चढ़ा गई गोरी, अंग अंग रंग डारौ
गोरी नयन बाण न मारौ,तन मन नाहीं विदारौ
गोरी तेरौ रूप अलौकिक, अंग अंग मतवारे
धरती अंबर जिधर भी देखो, नैना दिखते रतनारे
गोरी तेरी प्रेम अग्नि में, तन मन जलौ हमारौ
गोरी नयन बांण न मारौ, गोरी नैना ना मारौ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी