गोपी छन्द
गोपी छन्द 15 मात्रिक
आदि त्रिकल से अंत गुरु गुरु श्रेष्ठ
श्याम ने बाँसुरी बजाई।
दौड़ के राधा चली आई।
आज दोनों रास रचाये।
मोर भी संग में नचाये।
गोपी छन्द 15 मात्रिक
आदि त्रिकल से अंत गुरु गुरु श्रेष्ठ
श्याम ने बाँसुरी बजाई।
दौड़ के राधा चली आई।
आज दोनों रास रचाये।
मोर भी संग में नचाये।