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8 Oct 2023 · 1 min read

गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला

गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
क्योंकि ये दर्द मुझको मेरे अपनों से मिला
जिन अपनों के लिए मैं पूरा ख़ाक हो गया
जारी है उनका अब भी सताने का सिलसिला

कवि आजाद मंडौरी

1 Like · 377 Views
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