गूंज रही किलकारी
जग में उजाला छाया,
जब घर चिराग आया,
जो राहे थी कभी सूनी,
अब गूंज रही किलकारी,
हर आशा उससे है जुड़ी,
मेरी मंजिल उस ओर मुड़ी,
बहुत चला मैं अकेला,
सबका किया सदा भला,
जब सुनी मधुर मुरली,
झूम उठी मेरी हर गली,
आँगन की सुंदर कली,
फूल अब बन चली,
महक उठा उपवन,
खुश है मेरा मन,
।।।।जेपीएल।।।