गुज़ारिश
ग़म -ए- फ़िराक के किस्से ना सुनाओ मुझे ,
मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो ना सताओ मुझे,
वक़्त की गर्दिश में हालात का मारा हूं मैं,
मायूस ज़िदगी का डूबता सितारा हूं मैं ,
जो गुजर चुकी उसे भूल जाना चाहता हूं ,
ज़ेहन में पैवस्त यादों को मिटा देना चाहता हूं।