गुज़र रही है जिंदगी…!!
ऐसी गुज़र रही है ज़िन्दगी, जैसे बिना नाविक के नाव,
वक़्त का बहाव जिधर- जिधर जा रहा, मैं बहता चला जा रहा हूँ,
इसे कैसे फेरूँ मंज़िलो की ओर, एक तिनके का भी सहारा नहीं है,
अगर ये सफर मेरे इशारों पे चलता तो यक़ीनन मैं पहले अपने सपने सजाता,
पर अफ़सोस ना ये वक़्त मेरे हाथ में हैं,
और ना ये मंज़िले मेरे साथ है…
जैसा हो रहा है, बस..! होता जा रहा है…!!
❤Love Ravi❤