Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2021 · 1 min read

गुज़र गई है बहुत

गुज़र गई है बहुत और बची है थोड़ी सी
निकलती जान भी नहीं मगर निगोड़ी सी।

महफिलों में छलके जाम पर न ये था पता
ज़िन्दगी इतनी बची ज्यों शराब थोड़ी सी।

पी लूँ मय को जरा कायनात भी तक लूँ
अलविदा कहने की हिम्मत नहीं बटोरी थी।

सपुर्दे खाक हुए, कोई रहनुमा न मिला
ज़िन्दगी बन गई है राख की कटोरी सी।

विपिन

2 Likes · 1 Comment · 370 Views

You may also like these posts

ड्राइवर,डाकिया,व्यापारी,नेता और पक्षियों को बहुत दूर तक के स
ड्राइवर,डाकिया,व्यापारी,नेता और पक्षियों को बहुत दूर तक के स
Rj Anand Prajapati
3907.💐 *पूर्णिका* 💐
3907.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कलयुग के बाबा
कलयुग के बाबा
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कुछ  गीत  लिखें  कविताई  करें।
कुछ गीत लिखें कविताई करें।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"मुफलिसी"
Dr. Kishan tandon kranti
सिलसिला ये प्यार का
सिलसिला ये प्यार का
सुशील भारती
Children
Children
Poonam Sharma
ज़माने के ख़िलाफ़
ज़माने के ख़िलाफ़
Shekhar Chandra Mitra
भारत का गौरवगान सुनो
भारत का गौरवगान सुनो
Arvind trivedi
संवेदना
संवेदना
Kanchan verma
कोहरा काला घना छट जाएगा।
कोहरा काला घना छट जाएगा।
Neelam Sharma
ओ मेरे दाता तेरा शुक्रिया ...
ओ मेरे दाता तेरा शुक्रिया ...
Sunil Suman
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
इतना बेबस हो गया हूं मैं
इतना बेबस हो गया हूं मैं
Keshav kishor Kumar
Happy independence day
Happy independence day
Neeraj kumar Soni
Nature is my care taker now
Nature is my care taker now
Chaahat
हर जमीं का आसमां होता है।
हर जमीं का आसमां होता है।
Taj Mohammad
*रामनगर के विश्व प्रसिद्ध रिजॉर्ट*
*रामनगर के विश्व प्रसिद्ध रिजॉर्ट*
Ravi Prakash
🙅दोहा🙅
🙅दोहा🙅
*प्रणय*
बाजार
बाजार
surenderpal vaidya
प्रतीक्षा अहिल्या की.......
प्रतीक्षा अहिल्या की.......
पं अंजू पांडेय अश्रु
The more we try to possess, the less we truly own.
The more we try to possess, the less we truly own.
पूर्वार्थ
भय
भय
Shyam Sundar Subramanian
लेकिन क्यों
लेकिन क्यों
Dinesh Kumar Gangwar
समुंद्र की खिड़कियां
समुंद्र की खिड़कियां
ओनिका सेतिया 'अनु '
पितृपक्ष की विडंबना
पितृपक्ष की विडंबना
Sudhir srivastava
गीत गुरमत का रंग
गीत गुरमत का रंग
Mangu singh
अक्सर तुट जाती हैं खामोशी ...
अक्सर तुट जाती हैं खामोशी ...
Manisha Wandhare
मै पा लेता तुझे जो मेरी किस्मत करब ना होती|
मै पा लेता तुझे जो मेरी किस्मत करब ना होती|
Nitesh Chauhan
शरीयत ए कानून के जो मुताबिक है
शरीयत ए कानून के जो मुताबिक है
Dr fauzia Naseem shad
Loading...