गुल-ए-गुलनार ज़मीं हिन्द की..
गुल-ए-गुलनार ज़मीं हिन्द की, ये तानाशाही तस्वीर नहीं
सभी क़ौमों ने लहू से सींचा है इसे,ये किसी की जागीर नहीं….
–अजय “अग्यार
गुल-ए-गुलनार ज़मीं हिन्द की, ये तानाशाही तस्वीर नहीं
सभी क़ौमों ने लहू से सींचा है इसे,ये किसी की जागीर नहीं….
–अजय “अग्यार