गुलाम
अपने जीवन के
हर आयाम मे
पुरूष पर
निर्भरता
गुलामी का संकेत है
बढाती है
औरत की कमजोरी को
मिटाती है
उसका आत्मविश्वास
अभ्यस्त,
होती जाती है,
गाली गलौच और मार पीट की।
जरा सी
विपरीत हालात
और पुरूष को ताकना ही
औरत को
बनाता है
भीरू डरपोक
अपनी ही
गलती की
सजा
औरत रही है भोग।
डा.पूनम पाडे, अजमेर