गुलामों की तरह क्यों रहें?
बेजुबानों की तरह क्यों रहें?
नमक हरामों की तरह क्यों रहें?
एक आजाद देश के नागरिक
अब गुलामों की तरह क्यों रहें?
Shekhar Chandra Mitra
बेजुबानों की तरह क्यों रहें?
नमक हरामों की तरह क्यों रहें?
एक आजाद देश के नागरिक
अब गुलामों की तरह क्यों रहें?
Shekhar Chandra Mitra