गुलाब
मैं हूँ सब फूलों का नवाब
सबका प्यारा मैं हूँ गुलाब
काँटों में हँसता रहता हूँ
नहीं शिकायत मैं करता हूँ
रँग मेरे सब प्यारे प्यारे
कितना सुंदर मैं दिखता हूँ
मेरी खुशबू भी लाजवाब
सबका प्यारा मैं हूँ गुलाब
प्रभु चरणों में मैं पड़ता हूँ
शव पर भी तो मैं चढ़ता हूँ
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई
सबके लिए यहां खिलता हूँ
कोई धर्म न मेरा जनाब
सबका प्यारा मैं हूँ गुलाब
04-07-2018
डॉ अर्चना गुप्ता