गुलशन में भी बहारों का समां,
गुलशन में भी बहारों का समां,
हर वक्त नहीं रहता।
कुछ पत्ते साथ छोड़ देते हैं,
हवा के झोकों के साथ।
गुलज़ार होतें हैं वही,
जिनमें जीने की हसरत होती है।
वही लड़ते हैं,
तूफान के झरोखों के साथ।
श्याम सांवरा….
गुलशन में भी बहारों का समां,
हर वक्त नहीं रहता।
कुछ पत्ते साथ छोड़ देते हैं,
हवा के झोकों के साथ।
गुलज़ार होतें हैं वही,
जिनमें जीने की हसरत होती है।
वही लड़ते हैं,
तूफान के झरोखों के साथ।
श्याम सांवरा….