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5 Jun 2021 · 1 min read

गुलशन फिर आबाद होगा …

तू सब्र कर सब्र का फल मीठा होगा ,
यह तेरा गुलशन फिर आबाद होगा

फिर खिलेंगे रंग बिरंगे खूबसूरत फूल ,
डाली डाली पत्ता पत्ता हरा भरा होगा ।

जंगल भी फिर से आबाद होंगें और ,
पशु पक्षियों का आजादी से घूमना होगा।

नदियों का आंचल फिर से पवित्र निर्मल ,
और एक आईने की भांति साफ होगा ।

पर्वत जो गर्व से सिर उठाके खड़े है ,
उनका मस्तक कभी नीचा नहीं होगा।

धरती हरियाली की चादर ओढ़ सकेगी ,
चारों और सुंदर कालीन बिछा होगा।

खेत भी खुशी से लहलहाएंगे ,झूमेंगे ,
परिश्रमी किसान का जीवन महकेगा ।

आसमान सजाएगा सितारों से उसकी मांग ,
सूर्य धरती को किरणों का ताज पहनाएगा ।

देवता बरसाएंगे स्वर्ग से आशिषो के फूल ,
ईश्वर का स्नेह वर्षा रूप में उसपर बरसेगा।

धरती ! तेरा गुलशन फिर से आबाद होगा,
तुझे बस ईश्वर पर अपना भरोसा रखना होगा ।

4 Likes · 6 Comments · 592 Views
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