Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2023 · 1 min read

गुलशन की पहचान गुलज़ार से होती है,

गुलशन की पहचान गुलज़ार से होती है,
शहर की पहचान बाजार से होती है।
यूं तो वादे करते हैं प्यार में बहुत लोग,
मगर प्यार की पहचान इंतज़ार से होती है।।

*********📚*********
✍️राजेश कुमार अर्जुन

3 Likes · 1 Comment · 292 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajesh Kumar Arjun
View all
You may also like:
#आध्यात्मिक_कविता
#आध्यात्मिक_कविता
*प्रणय*
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
हो हमारी या तुम्हारी चल रही है जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
श्राद्ध पक्ष
श्राद्ध पक्ष
surenderpal vaidya
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
खयालात( कविता )
खयालात( कविता )
Monika Yadav (Rachina)
"लौ दीये की"
Dr. Kishan tandon kranti
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शायरी
शायरी
Sandeep Thakur
बाहर के शोर में
बाहर के शोर में
Chitra Bisht
सत्य राम कहॉं से लाऊँ?
सत्य राम कहॉं से लाऊँ?
Pratibha Pandey
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
आओ सर्दी की बाहों में खो जाएं
नूरफातिमा खातून नूरी
जी भी लिया करो
जी भी लिया करो
Dr fauzia Naseem shad
Biography of Manish Mishra World Record Holder Journalist
Biography of Manish Mishra World Record Holder Journalist
World News
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Dr arun kumar shastri
Dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"अपनी भूल नहीं मानते हम ll
पूर्वार्थ
"रूढ़िवादिता की सोच"
Dr Meenu Poonia
3834.💐 *पूर्णिका* 💐
3834.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल
तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल
Monika Arora
सुप्रभात
सुप्रभात
Sonam Puneet Dubey
जीवन में कुछ पाना है तो झुकना सीखिए कुएं में उतरने वाली बाल्
जीवन में कुछ पाना है तो झुकना सीखिए कुएं में उतरने वाली बाल्
Ranjeet kumar patre
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
Harminder Kaur
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
Neelofar Khan
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (हास्य कुंडलिया)
खाया रसगुल्ला बड़ा , एक जलेबा गर्म (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
यह ज़मीं है सबका बसेरा
यह ज़मीं है सबका बसेरा
gurudeenverma198
बसंत
बसंत
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मायापति की माया!
मायापति की माया!
Sanjay ' शून्य'
ज़िंदादिली
ज़िंदादिली
Dr.S.P. Gautam
Loading...