गुरू गुण की खान
गुरू जी हैं गुण की खान,
गुरू मिले सतसंग मिले,
मिले है जीवन का सार,
गुरू की वाणी अमृतमयी
यह है जीवन का आधार,
परमज्ञान की बरसा करते,
जीवन धन्य हमारा करते।
नश्वर ये संसार भरा है,
हम सबको समझाते हैं,
सत्य, प्रेम, करुणा,धर्म ही
इस जीवन का लक्ष्य है,
समता रखो इस जीवन में
कर्म निष्काम करता चल
भव सागर से तर जायेगा।
मानव मात्र का कल्याण हो,
जीवन जन्म यहां गुरु लेते हैं
न कोई तेरा न कोई उसका
इस जीवन का सार बताते हैं
जीवन मरण सुधार ले बंदे
प्रभु की भक्ति कर ले नादां
अमोल ज्ञान उपदेश देते हैं।