गुरु
गुरु
समस्त जगत है गुरु समान, रखना जीवन में हर शिक्षा का मान
सीख लेने में हर पहलु से, कभी न करना कोई अभिमान।
जीवन संभव ना हो पाता गर, ईश्वर ना करता प्रकृति का निर्माण
प्रकृति के हर पहलू से सीखना, जीवन का हर सबक और विज्ञान।
जन्म दिया जिस माता पिता ने वे सबके होते पहले गुरु समान
मां के आंचल तले मिलेगा, प्रेम और ममता का पहला ज्ञान।
पिता हमेशा आदरणीय होते, रखवाया सबसे पहला कदम नादान
चल नहीं पाते तो कैसे जाते, विद्यालय में लेकर मुस्कान ।
प्रबुद्ध रास्तों को दिखलाकर, गुरु ने किया आत्मविश्वास का संचार
विद्या देने वाले हर गुरु को मेरा, शत शत नमन और प्रणाम।
सभी हृदयों में एकेश्वर बसा है, बनकर सबका गुरु और ज्ञान
हर प्राणी जो पथप्रदर्शक बनकर आया, उसको मेरा नतमस्तक आभार।
जीवन के हर पल में ज्ञान है, हर क्षण ब्रह्मा के अंश समान
मिली शिक्षा को बांटते चले जाना, गुरु का सबसे बड़ा है मान।