गुरु
🦚
गुरु
००००
सदा सम दृष्टि रखता है, कृपा का दान करता है,
न करता भेद किंचित मौन बाँटा ज्ञान करता है ,
कभी गिरने नहीं देता , सभी कहते उसे गुरु हैं,
हरी-हर-ब्रह्म सम गुरु का जगत गुणगान करता है ।
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
***
🪷🪷🪷
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गुरु
००००
सदा सम दृष्टि रखता है, कृपा का दान करता है,
न करता भेद किंचित मौन बाँटा ज्ञान करता है ,
कभी गिरने नहीं देता , सभी कहते उसे गुरु हैं,
हरी-हर-ब्रह्म सम गुरु का जगत गुणगान करता है ।
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महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
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