Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2021 · 1 min read

गुरु

न तुम होते अगर पथ में,
बिखरता मैं चला जाता।
दिये की लौ नहीं जलती,
उजाला दूर हो जाता।।

तुम्हारे ज्ञान की गंगा,
तुम्हारे स्नेह की धारा।
भिगोती यदि नहीं मुझको,
मैं अपनापन नहीं पाता।।

अंधेरा, ज़िन्दगी के मोड़ पर
करता रहा स्वागत।
तुम्हीं आये वहाँ, पथ को
मेरे आलोक से भरने।।

मैं गिरता ही रहा हरदम,
राह में ठोकरें खा कर।
मगर हर बार ही मुझको
सहारा है दिया तुमने।।

तुम्हारे पूज्य चरणों की
ज़रा सी धूल जो मिलती।
समझता मैं उसे चन्दन,
उठाकर शीश पर लाता।।

न तुम आते अगर, श्रीकृष्ण
बन कर ज्ञान बतलाने।
‘असीम’ अपने महा जीवन-
समर में हार ही जाता।।

✍️ शैलेन्द्र ‘असीम’

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 429 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2848.*पूर्णिका*
2848.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जन जन में खींचतान
जन जन में खींचतान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
Manisha Manjari
युवा कवि नरेन्द्र वाल्मीकि की समाज को प्रेरित करने वाली कविता
युवा कवि नरेन्द्र वाल्मीकि की समाज को प्रेरित करने वाली कविता
Dr. Narendra Valmiki
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"फिकर से जंग"
Dr. Kishan tandon kranti
माफ़ कर दे कका
माफ़ कर दे कका
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
अब गूंजेगे मोहब्बत के तराने
Surinder blackpen
I am Cinderella
I am Cinderella
Kavita Chouhan
गुरुर
गुरुर
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Stay grounded
Stay grounded
Bidyadhar Mantry
ज़मीर
ज़मीर
Shyam Sundar Subramanian
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार
कवि रमेशराज
कई जीत बाकी है कई हार बाकी है, अभी तो जिंदगी का सार बाकी है।
कई जीत बाकी है कई हार बाकी है, अभी तो जिंदगी का सार बाकी है।
Vipin Singh
भले नफ़रत हो पर हम प्यार का मौसम समझते हैं.
भले नफ़रत हो पर हम प्यार का मौसम समझते हैं.
Slok maurya "umang"
हज़ार ग़म हैं तुम्हें कौन सा बताएं हम
हज़ार ग़म हैं तुम्हें कौन सा बताएं हम
Dr Archana Gupta
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
प्यार है रब की इनायत या इबादत क्या है।
सत्य कुमार प्रेमी
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
जिसने भी तुमको देखा है पहली बार ..
Tarun Garg
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्
Sanjay ' शून्य'
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
Shweta Soni
कुछ तो लॉयर हैं चंडुल
कुछ तो लॉयर हैं चंडुल
AJAY AMITABH SUMAN
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
विमला महरिया मौज
घाव
घाव
अखिलेश 'अखिल'
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
अंसार एटवी
हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
कृष्णकांत गुर्जर
प्रथम मिलन
प्रथम मिलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
Neelam Sharma
Loading...